पाप

Anonymous अज्ञात  

हीनता का अनुभव करना ही पाप है।

Acharya Vedant Tirth आचार्य वेदान्त तीर्थ

ममत्व युक्त पुरुष पुण्य व पाप दोनों को इस लोक में ही त्याग देता है।

Saint Tukaram संत तुकराम

जो असत्य बोलता है, वह पाप की खान है। जो सत्य बोलता है, सुख उसकी ओर उमड़ कर आता है।